दिन प्रति दिन मुझे ये यकीन होता जा रहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अपने संवैधानिक पद का भरपूर दुरपयोग कर केंद्र के इशारे पर काम करते हुए दिल्ली की चुनी हुई केजरीवाल सरकार के विरुद्ध विद्वेष की भावना और बदनीयती से काम कर रहे हैं ....
दरअसल जिस प्रकार केजरीवाल भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक के बाद एक वार कर रहे थे विरोधियों के पास कोई चारा भी न बचा होगा .... मरता क्या ना करता .... और इसलिए लगता है कि LG द्वारा हताश और मजबूर हो ACB के मुखिया पद पर अपने चहेते अधिकारी की पोस्टिंग कर कुछ घंटों में ही उसे चार्ज भी दिलवा दिया .... और पोस्टिंग वसूली नामे तोमर प्रकरण को अंजाम दिलवा दिया गया !!!!
जो केजरीवाल को जान चुके हैं और उनकी क्षमताओं को पहचान चुके हैं उन्हें तो ज्यादा निराश होने की ज़रुरत नहीं है - क्योंकि मुझे विश्वास है कि विरोधियों की ये टुच्ची चाल को पार पा जाना केजरीवाल के लिए बहुत मुश्किल काम नहीं होगा - और अवरोध का तो सवाल ही नहीं !!!!
पर मेरे लिए चिंता का असल विषय ये है कि ऐसी नंगाईयत देख भी कोई समझदार आमजन कैसे केंद्र सरकार और LG के पक्ष में खड़ा रह सकता है .... क्या केवल मोदी के नाम पर मोदी का बिना शर्त समर्थन करना उचित हो सकता है .... क्या ये स्वयं के साथ धोखेबाज़ी करने जैसा नहीं है ??
मुझे मालूम है कि यही प्रतिप्रश्न मुझसे भी किया जा सकता है और किया जाएगा कि मेरा बिना शर्त समर्थन केजरीवाल को क्यों ?? तो मेरा जवाब भी मेरी चिंता में छुपा है - मैं तो केंद्र और LG की भूमिका को साफ़ तौर बिना शक एवं गुंजाईश गलत मानता हूँ - और केजरीवाल की अब तक की कार्यप्रणाली को सही !! और मेरा यही आंकलन मुझे जो मैं लिख रहा हूँ वो लिखने के लिए प्रेरित करता है ....
अतः जो मेरे जैसा नहीं सोचता वो केजरीवाल के विरोध करने के लिए स्वतंत्र है .... कृपया विरोध जारी रखें - कुढ़ते रहें - मायूस होते रहें - और ध्यान केंद्रित रखें - कहीं वो आपकी भैंस खोल के ना ले जाए !!!!
शतप्रतिशत सत्य वचन..... मेरा भी बिना शर्त समर्थन केजरीवाल को... (Y)
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