Saturday 13 June 2015

//// तो क्या भक्तों के अनुसार दिल्ली में मोदी भी केजरीवाल भरोसे ??...////


केजरीवाल पर भक्तों का सबसे बड़ा आरोप - उन्हें दिल्ली की जनता से वायदे करने से पहले क्या ये नहीं मालूम था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है - और मुख्यमंत्री के अधिकार सीमित हैं ????

भक्तों से मेरा प्रतिप्रश्न .... मोदी जे ने जब दिल्लीवासियों से स्वच्छ दिल्ली का वायद किया था तो क्या उन्हें यह भी नहीं मालूम था कि दिल्ली नगर निगम दिल्ली सरकार के मातहत आता है !@#$%

भक्तों का ठिकाना नहीं मेरे कटाक्ष से कहीं सही में उल्टा न समझ जाएं कि दिल्ली का नगर निगम एक स्वायत्त संस्था नहीं है और दिल्ली सरकार के मातहत ही आता होगा .... क्या है भक्तों का तो कोई भरोसा ही नहीं - क्या समझ लें सही या गलत !!!!

पर अब मज़ाक में ही सही यक्ष प्रश्न तो खड़ा हो ही गया है कि - प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद - और सैंकड़ो के विज्ञापन पर खर्च कर और ढेर वाहवाही लूट और अनेक वायदे कर - और अनेक आश्वासन देने के बावजूद - मोदी के दिल्ली में ही रहते और मोदी की नाक के नीचे १२ दिन तक दिल्ली कचरा कचरा हो सड़ती क्यों रही ????

और यदि मान लो कि भक्तों के अनुसार जवाबदारी केजरीवाल की ही थी - तो क्या ग्यारंटी कि केजरीवाल मोदी की भविष्य में भी ऐसी ही मिट्टी पलीत नहीं करते रहेंगे ?? फिर मोदी द्वारा देश से किये वायदों का क्या होगा ???? .. क्या होगा स्मार्ट सिटी का ?? मासूम शौचालयों का ?? .... है कोई जवाब ???? या फिर सब लाजवाब ???? या सब कुछ केजरीवाल भरोसे ???? यानि यदि केजरीवाल चाहेंगे और अनुमति देंगे तो ही मोदी अपने वायदे पूरे कर सकेंगे ???? यानी मोदी केजरीवाल के भरोसे ???? प्रधानमंत्री की ऐसी दयनीय स्थिति ????

और यदि मान लो कि भक्तों के अनुसार जवाबदारी केजरीवाल की ही थी - तो क्या ग्यारंटी कि केजरीवाल मोदी की भविष्य में भी ऐसी ही मिट्टी पलीत नहीं करते रहेंगे ?? फिर मोदी द्वारा देश से किये वायदों का क्या होगा ???? .. क्या होगा स्मार्ट सिटी का ?? मासूम शौचालयों का ?? .... है कोई जवाब ???? या फिर सब लाजवाब ???? या सब कुछ केजरीवाल भरोसे ???? यानि यदि केजरीवाल चाहेंगे और अनुमति देंगे तो ही मोदी अपने वायदे पूरे कर सकेंगे ???? यानी मोदी केजरीवाल के भरोसे ???? प्रधानमंत्री की ऐसी दयनीय स्थिति ????

2 comments:

  1. "स्वछता अभियान " झाड़ू कौन लगाये ? जब "आप " वालों ने झाड़ू लगाना शुरू किया तो "मोदी वाले भी झाड़ू लेकर आ गए ,कांग्रेस ने भी इस गंदगी में डुप्की लगा कर दिखा दिया की हम भी हैं। किन्तु समस्या अभी जहाँ की तहां है। असल में MCD बीजेपी की है वह दिल्ली सरकार के अधीन है और दिल्ली सरकार "आप " की है वो भी बीजेपी के अधीन है। यानि कुल मिलकर झाड़ू लगाने का काम पूरी तरह बीजेपी का ही बनता है। "आप " सरकार के दोनों हाथों में लड्डू हैं।
    कुछ अच्छा हो तो हमने किया नहीं हुआ तो हमे करने नहीं दिया जा रहा है। पिछली शीलाजी की सरकार ने इस बात का बहुत लाभ उठाया। एक बार मोदीजी ने इस बात को कहा था की यदि कोई मुख्य मंत्री सब से मजे में है तो वह दिल्ली का मुख्य मंत्री है। उन्हें क्या मालूम था की दिल्ली उनके हाथ से निकल जाएगी।
    अब ऐसे विरोध का कोई फायदा नहीं है ये तो जिस डाल पर बैठे हैं उसको काटने जैसा हाल है। दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष जी रोज डंडे झंडे लेकर केजरीवालजी के पुतले जला रहे हैं LG साहब रोज कोई न कोई नया फरमान जारी कर "आप " में टंगड़ी फसा रहे हैं। जिसका कोई लाभ मोदीजी को मिलने वाला नहीं है वरन उनके हाथों से जो मिलना चाहिए वह भी छूटता नजर आ रहा है। आप खुद सोचिये ACB को अपने हाथों में लेने से और MCD की हड़ताल से उन्हें क्या मिला वरन "आप " को तो और आराम हो गया है। उन्होंने जिस झाड़ू से सत्ता हासिल की है वो जानते हैं इस दिल्ली की जनता का दिल जीता जा सकता है। किन्तु एक बात है दिल्ली में मोदी बनाम एक जंग छिड़ गयी है जिसे मीडिया खूब भुना रहा है जनता को इसमें खूब आनंद आ रहा है। लम्बे समय तक हमे देखने को मिलेगा।

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