Monday 15 June 2015

//// योग आपको बिंदास बनाता है - आइये २१ को भांगड़ा करें ....////


२१ जून को योग दिवस मनाया जाना है - जिसकी तैयारियों के साथ बहसबाजी - और वैमनस्य की राजनीति हो रही है - या की जा रही है - या कराई जा रही है ....

मैं देख रहा हूँ कि जिस किसी भी प्राणी को देखो जो इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बहस करता पाया जाता है वो ये जरूर कहता पाया जाएगा कि - " मैं तो खुद योग करता ही हूँ "- और इसके आगे ही कहेगा - बट किन्तु परन्तु लेकिन यानिकि मेरा मतलब समझना असली मुद्दा ये है मुद्दा ये नहीं है ........ आदि इत्यादि ....

और योग के आसन और क्रियाएँ भी क्या होती हैं कोई रॉकेट साइंस नहीं और अब गुप्त विद्या भी नहीं - गूगल गुरु भी आपको काफी कुछ जानने में मदद कर ही देंगे .... और क्योंकि अब जब सबको ही योग का ज्ञान है और सब योग करते रहते हैं - और क्योंकि योग वैसे ही फैशन में आ चुका है - योग नहीं करने वाले तुच्छ दृष्टि से देखे जाने लगे हैं - उन्हें समुद्र में डूबने तक की सलाह मिलने लगी है - तो फिर २१ जून को या २१ जून के बाद ऐसा क्या हासिल हो जाएगा जिसके कारण आम जनता को कुछ फायदा मिले ????

तो मेरा प्रश्न है कि योग दिवस को सरकारी स्तर पर इवेंट के रूप में मना कर सरकारी पैसे खर्च करने का क्या औचित्य ?? और वो भी करोड़ों रूपए ??

और मुझे एक और बात बहुत विचलित करती है - इस देश का मेहनतकश गरीब मजदूर रोज़ ही मजबूरी में श्रम करता है - कमर तोड़ श्रम - और उसे ना तो योग करने का समय है - और ना ही आवश्यकता - और कोई कितना भी दावा कर ले मैं प्रतिदावा करता हूँ कि ये योग विधा उन अमीरों के लिए ही प्रासंगिक रह गई है जो श्रम नहीं करते हैं .... 

इसलिए आज मैं भी घिसी-पिटी मार्के की बात कहूँगा कि मैं योग का विरोधी नहीं - पर योग के लिए गरीब जनता के पैसे का दुरपयोग कर फ़ोकट के प्रचार के पक्ष में भी नहीं .... मेरी प्राथमिकता गरीब के पेट में पहले रोटी पहुंचे ये है - ना कि गरीब के पैसे से योग का प्रचार !!!!

और मेरी बात के समर्थन में मैं ये भी दावा करता हूँ कि दिल्ली के मुख्य समारोह में जिसमें १ लाख लोगों को एकत्र करने की बात कही जा रही है उसमें एक भी गरीब नहीं होगा - उसमें शिरकत करेंगे किरण बेदी सतीश उपाध्याय जैसे विशिष्ट लोग - या मजबूर सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे !!!! 

इसलिए मित्रो आपको सर्वप्रथम ये राज़ की बात पहली बार बताते हुए कि - मैं भी योग करता हूँ - अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ - किसी मानसिक दबाव में नहीं रहता - गलत को गलत और सही को सही कहता हूँ - इसलिए प्रसन्न रहता हूँ - बिंदास रहता हूँ - और इसलिए मैंने ख़ुशी ख़ुशी तय किया है कि आगामी २१ तारिख को मैं योग नहीं करूंगा - मैं तो भांगड़ा करूंगा !!!!

आप से भी निवेदन है कि आप भी योग करें - बड़े फायदे की चीज़ है - प्रसन्न रहें - स्वस्थ रहें - बिंदास रहें - और चाहें तो आप भी २१ को भांगड़े का मज़ा लें .... !!!! धन्यवाद !!!!

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