Monday 22 June 2015

//// इतनी चुप्पियाँ क्यों ? क्या IPL गुल्ली डंडे की प्रतियोगिता थी ??..////


क्रिकेट क्रिकेट और क्रिकेट .... यकीनन ललित मोदी - आईपीएल - बीसीसीआई इसी खेल से तो जुड़े हैं - जिससे जुड़े रहे हैं पैसा सट्टा सत्ता राजनीति ग्लैमर सेक्स भ्रष्टाचार अपराध आदि .... यानि इस खेल में यकीनन बहुत गंदगी है जो सर्वज्ञात है और सर्वसंज्ञान में है !!!!

तो ये गंदगी और सड़ांघ बढ़ती क्यों गई और बढ़ती क्यों जा रही है ?? .... आप कह सकते हैं कि गंदी राजनीति के कारण - या इस खेल से जुड़े पदों के माध्यम से मिलने वाले अथाह पैसे और सहूलियतों के कारण .... या इस खेल के प्रबंधक पदों पर टुच्चों के कब्ज़े हो जाने के कारण - या अन्य कई और कारण ....

ठीक है - ये तो बात हुई कारणों की - पर जवाबदारी किसकी ??
आज मेरी विवेचना इसी प्रश्न पर कि जवाबदारी किसकी ??

मुझे भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद की बात बहुत तर्कसंगत लगी कि "ललित काण्ड" की जवाबदारी तो बीसीसीआई के सभी जिम्मेदारों की बनती है - चाहे वो श्रीनिवासन हों या पंवार ललित मोदी या फिर यकीनन जेटली .... मुझे बात तर्कसंगत इसलिए लगी क्योंकि मैं देख पाता हूँ कि जो जिम्मेदार होकर भी आँखे खोले कान खोले दिमाग का ढक्कन भी खोले मुँह बंद कर पूरे अपराध के साक्षी बने रहे - या फिर हो सकता है अपराध में लिप्त रहे - उनकी जवाबदारी तो निश्चित ही मानी जाएगी !!!! 

पर मैं कीर्ति आज़ाद की तर्क संगत बात के आगे भी कुछ और देखता हूँ .... मैं आज बात करना चाहूँगा कभी क्रिकेट के पर्याय बन गए उस व्यक्ति की जिसका नाम है "सचिन तेंदुलकर" ....

मैं इस बात का यकीन रखता हूँ कि सचिन तेंदुलकर ने जितना क्रिकेट को दिया उससे कई-कई गुना क्रिकेट ने और इस देश ने और समाज ने सचिन को दिया - अथाह पैसा और प्रसिद्धि और आला पद - और सबके ऊपर सबसे बड़ा सम्मान "भारत रत्न" ....

और इसलिए मेरा प्रश्न है कि जब आज क्रिकेट में बहुत कुछ और सब कुछ गड़बड़ दिख रहा है तो श्रीमान सचिन चुप क्यों हैं ???? क्या उनकी कोई जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या खिलाड़ी के नाते भी कोई जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या राज्यसभा सांसद होने के नाते भी कोई जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या भारत रत्न होने के नाते भी कोई नैतिक जवाबदारी नहीं बनती ?? क्या सचिन को क्रिकेट की गंदगी का कोई ज्ञान नहीं ?? ये गंदगी किसने फैलाई इसका भी ज्ञान नहीं ?? क्या सचिन भी तो इस गंदगी या ऐसी ही गंदगी के कर्ता या लाभार्थी तो नहीं रहे ?? क्या आईपीएल गुल्ली डंडे की प्रतियोगिता थी ?? क्या ललित मोदी गुल्लियाँ सप्लाई करते थे ?? यदि हाँ तो वो गुल्लियाँ गई कहाँ ????

मैं आशा करता हूँ मोदी के मौन के साथ साथ सचिन भी अपना अनैतिक मौन तोड़ेंगे - और इस खेल से जुड़े और इस खेल के अन्य लाभार्थी भी अपना मौन तोड़ेंगे - कुछ अच्छा कहेंगे करेंगे - निःस्वार्थ निष्पक्ष निडर - और अपनी जवाबदारी का निर्वहन करेंगे !!!!

1 comment: