Saturday 20 June 2015

//// दिल्ली सरकार का "रिश्वत बंद" वाला विज्ञापन १००% पैसा वसूल ..////


आजकल टीवी पर 'आप' का विज्ञापन "रिश्वत बंद" छाया हुआ है ....

जैसा कि 'आप' प्रवक्ता आशुतोष ने कहा - कई लोगों को मिर्ची लग गई है ....
और इस विज्ञापन के विरोध में निम्नानुसार आपत्तियां भी ली जा रही हैं >>>>

>> खिसियाई बकवासी भाजपा कह रही है कि ये विज्ञापन SC के निर्देशों के खिलाफ है ....
>> दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा बरखा सिंह इसे महिला विरोधी बता रही हैं - निहायत बकवास दलील के साथ कि इसमें एक महिला को ही घर के सारे कामों को करते बताया जा रहा है ....
>> इसे सरकारी पैसे की बर्बादी भी बताया जा रहा है ....
>> और खिसियाई बिल्लियाँ ये भी आपत्ति उठा रही हैं कि इसमें केवल एक व्यकि अरविन्द केजरीवाल का ही नाम ११ बार लेकर उनका ही महिमामंडन किया जा रहा है ....

सभी आपत्तियों पर मेरी प्रतिकिया ....

>> यदि ये SC के निर्देशों का उल्लंघन है तो इसे SC में चुनौती दे सारा खर्च 'आप' पार्टी से वसूला जाना चाहिए - और मैं सोचता हूँ कि ऐसा करने का दायित्व मोदी सरकार का बनता है !!!! वैसे मुझे पूर्ण यकीन है कि विज्ञापन SC के निर्देशों की अवहेलना नहीं है - और मोदी सरकार अपना कोई भी दायित्व पूर्ण करने में सक्षम नहीं है !!!!

>> विज्ञापन में यदि कुछ भी महिला विरोधी है तो राष्ट्रिय महिला आयोग में प्रकरण दायर किया जा सकता है - किया जाना चाहिए !!!! वैसे मुझे लगता है कि विज्ञापन में कुछ भी महिला विरोधी नहीं है - अपितु बरखा सिंह निष्पक्ष नहीं हैं एवं 'आप' विरोधी हैं - अतः अब तो इनको इनके पद से ही हटा देना चाहिए !!!!

>> विज्ञापन में पैसे तो लगते हैं - और इसलिए किसी भी सरकारी विज्ञापन को पैसे की बर्बादी माना ही जाना चाहिए - अतः मेरे हिसाब से तो सभी प्रकार के सरकारी विज्ञापनों पर पूर्ण सख्त रोक लगनी चाहिए !! .. पर हाल फिलहाल केवल 'आप' के विज्ञापन जो अभी पहली बार जुम्मे जुम्मे आने लगे हैं उस पर ऐसा विरोध सही होते हुए भी अनैतिक और हास्यास्पद है !! .... पर मैं अपेक्षा करता हूँ कि सभी सरकारी विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाने हेतु सत्तासीन भाजपा तुरंत ही पहल करे .... पर भाजपा ऐसा करेगी ?? यकीनन नहीं करेगी !! .. क्योंकि इस पार्टी में नैतिकता बची ही नहीं है !!!!

>> विज्ञापनकर्ता का अधिकार होता है कि वो अपने विज्ञापन में अपनी सुविधानुसार इच्छानुसार और फायदे अनुसार नियमों एवं मानकों की परिधि में रहते हुए किसी भी वस्तु या व्यक्ति का महिमामंडन करे .... अब यदि दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन में अरविन्द केजरीवाल के महिमामंडन पर भाजपा को आपत्ति हो रही है तो मैं इसे भाजपा की अब तक की सबसे फूहड़ बचकाना बेहूदा प्रतिक्रिया मानता हूँ - क्योंकि मैंने तो आज तक भाजपाई समर्थक सरकारों के विज्ञापन में अरविन्द केजरीवाल या अन्य को महिमामंडित होते देखा नहीं - इसलिए लगता है भाजपा की तरफ से ऐसी बचकाना आपत्ति उठाने वाले व्यक्ति निश्चित ही कई सारे संतुलन खो बैठे हैं !!!!  

कुल मिलाकर दिल्ली सरकार के सरकारी खर्चे पर किये जा रहे विज्ञापन का मैं सशर्त विरोध करते हुए मानता हूँ कि ऐसा विरोध सभी सरकारी विज्ञापनों का भी किया जाकर सभी विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगना चाहिए ....

पर दिल्ली सरकार की प्रशंसा भी करना चाहूँगा कि उसके द्वारा बहुत ही सटीक विज्ञापन किया जा रहा है - इतना सटीक कि सारे निशाने सही जगह साधे हैं - मिर्ची बहुत लगी है - संदेश सही गया है - यानि विज्ञापन १००% पैसा वसूल विज्ञापन है !!!! बधाई !!!!

लेकिन इस विज्ञापन पर अब मूर्खतापूर्ण विरोध कर विरोधियों ने इस विज्ञापन को और विज्ञापित कर दिया है - और इस प्रकार आगे यह विज्ञापन बिना दिल्ली सरकार के पैसे खर्च किये भी विज्ञापित होता रहेगा ....

और मैं बता दूँ कि फ्री में विज्ञापित होने की कला में अरविन्द केजरीवाल को महारथ हासिल है - तथा इसी कड़ी में 'आप' प्रवक्ता आशुतोष के "मिर्ची लगने" वाले बयान को देखना होगा - अरविन्द तो चाहते ही यही होंगे कि इस विज्ञापन पर खूब विवाद हो - और होता रहे !!!!

और ध्यान रहे - विवाद ठंडा होते ही शायद नया विज्ञापन आ जाए - फिर एक नए विवाद की सम्पूर्ण संभावनाओं के साथ .... "अरविन्द केजरीवाल जिंदाबाद" !!!!

5 comments:

  1. bjp and aaj tak cring only to divert attention from shushma nad raaje

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  2. बेशर्म भ्रष्ट जुमला पार्टी (BJP)

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  3. यह बीजेपी वाले तो इतने बेशर्म होकर टीवी चैनल पर बेतुके तर्क देते हैं के लगता है के शर्म ह्या सब घोलकर पि गए है यह सब

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