Wednesday 3 June 2015

//// इस अजीब जंग के अजीब नियम हैं - पक्षपाती 'रेफरी' हैं जो बेशर्म हैं ....////


झगड़ा झगड़ा झगड़ा - जंग - जंग - जंग .... किसके बीच ?? केजरीवाल और नजीब जंग के बीच ....

और लगभग सभी पक्षपाती लोग जो अपने आप को 'रेफरी' की भूमिका में स्थापित कर लिए हैं यही बोल रहे हैं कि केजरीवाल की आदत है झगड़ने की .... गलती केजरीवाल की - या गलती दोनों की !!!!

विस्मयकारी रूप से आपत्तिजनक !!!! .... क्यों ये लोग यह तथ्य नकार रहे हैं कि नजीब जंग की स्वयं की कार्यप्रणाली निष्पक्ष नहीं कही जा सकती ?? क्यों ये लोग इस संभावना पर विचार नहीं कर रहे कि नजीब जंग कुछ ऐसा कर रहे होंगे जिसका प्रतिरोध आवश्यक है ?? क्यों ये लोग इस पर आशंकित नहीं हैं कि LG केंद्र सरकार के इशारे पर चल रहे हैं ?? .... क्यों नहीं लोग ये मानते की गलत और गलती के विरुद्ध लड़ना तो बार-बार और हर बार और हमेशा ही श्रेयस्कर होता है - गलत तो कदापि नहीं !!!!

और सबसे हास्यास्पद बात - जब ये ही लोग कहते हैं कि दोनों को आपसी समझ से काम लेना चाहिए - तो ये ही लोग जिस अंदाज़ में केजरीवाल को गालियां देते हैं उसी अंदाज़ और भाषा में LG को क्यों नहीं ?? .... फिर क्यों नहीं खुल के कहते कि LG भी - या LG ही - समझदारी का परिचय कदापि नहीं दे रहे हैं .... तब कड़क जुबान अटक क्यों जाती है ????

और इससे भी हास्यास्पद बात - जब ये ही लोग ये कहते हैं कि दिल्ली की जनता ठगा महसूस कर रही है तो इसका सारा अपश्रेय केजरीवाल के नामे ही क्यों ?? क्यों नहीं कहते कि मोदी जी ने दिल्ली के लोगों को LG के मार्फ़त ठगना शुरू कर दिया है ?? .... क्यों कहीं डर तो नहीं लगता ????

और दिल्ली ठगा महसूस कर रही इसके क्या प्रमाण - दिल्ली में तो जमीन पर काम हो रहा है !! फिर कुछ पक्षपाती लोग ये क्यों प्रतिपादित करने पर तुले हैं कि क्योंकि केजरीवाल और नजीब जंग के बीच अधिकारों को लेकर कागज़ पर झगड़ा चल रहा है तो इसके मायने जमीन पर कुछ काम नहीं हो रहा है ????

कुल मिलाकर मैं ये देख रहा हूँ कि ये भी एक अजीब जंग है - यहाँ एक हाथ से ताली भी बज रही है - ताली की गूँज भी आ रही है - और एक तरफ से मुक्का भी चल रहा है - मुक्का ठिकाने भी लग रहा है - रोने चिल्लाने की आवाज़ भी आ रही है .....

पर इस अजीब जंग के अजीब नियम हैं - और अफ़सोस !! पक्षपाती 'रेफरी' हैं जो बेशर्म हैं !!!!

2 comments:

  1. सच मामले का operation कर दिया आपने l
    सटीक ,नियन्त्रित भाषा में, निषपक्ष विश्लेशण l वाह क्या बात है !

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  2. Shrimant Brahma Prakash Dua Ji..Akeley Nazib Jung ka dosh nahi hai.. Jal Mein Rehkar magar sey bair koi Nahi Lena Chahta..Aur Is Vyapak Samudr mein magar bahut hai..:/

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