Tuesday 9 June 2015

//// कानून मंत्री का गिरफ्तारी मामला - 'आप' पार्टी की पहली गलती ....////


मेरा ऐसा व्यक्तिगत आंकलन है कि तोमर की डिग्रियों में कुछ तो गड़बड़ी है .... और इसलिए यदि ये आरोप सही हैं तो मैं उनकी गिरफ्तारी का स्वागत करता हूँ ....

अब उनकी गिरफ्तारी कानून सम्मत है या नहीं - ये दीगर बात है .... यदि ये गिरफ्तारी एक मंत्री और विधायक के मद्देनज़र तकनीकी रूप से कुछ गलत भी होगी तो उस गलती पर अलग से कार्यवाही भी होती रहेगी ....

और तो और जो बात अब स्मृति ईरानी के संबंध में भी कही जा रही है तो अब ये भी तय है कि यदि उनकी डिग्रियां भी फ़र्ज़ी ही हैं तो अब वो भी नहीं बच पाएंगी - पर इस बात से तोमर को कोई फौरी राहत मिले ऐसा तो बिल्कुल भी मान्य नहीं किया जा सकता ....

कुल मिलाकर मैं इसे केजरीवाल और 'आप' सरकार की पहली गलती मानता हूँ ....

पर साथ ही यह भी मानता हूँ कि मैं एक गलती पर केजरीवाल और 'आप' पार्टी के पुनरावलोकन की कत्तई आवश्यकता महसूस नहीं करता ... अस्तु मेरा केजरीवाल और 'आप' पार्टी को सपोर्ट अप्रभावित रहेगा !!!!

2 comments:

  1. मेरा मानना है की यह "आप " की बहुत सोची समझी नीति है। केजरीवालजी एक तीर से अनेक निशाने लगाने वाले राजनीतिज्ञ है। उनकी विजय पक्की है। जब वे 49 दिन की सरकार में थे तब भी उन्होंने कांग्रेस और भाजपा में दोस्ती करा दी थी अभी भी जबकि बिहार और पंजाब में चुनाव आ रहे हैं यह नीति वहां भी दिल्ली दोहरायेगी। ये कार्यवाही जंग ने डर के मारे की है उनके खिलाफ FIR दोनों भजपा और कांग्रेस को घेरने की चाल है। भाजपा यह नहीं कह सकती की शीला दीक्षित को छोड़ दो उनके साथ जंग भी अब जाने वाले हैं। इसमें एक कानून मंत्री चले भी गए तो "आप " सरकार का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। ये लड़ाई अभी लम्बी खीचने वाली है किन्तु अंत में सत्य की विजय ही होती है।

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    1. Well said and absolutely perfect anticipation. Thanks.

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