Saturday 13 June 2015

//// खबरिया चैनलों को धिक्कार .. आओ मेरे इंदौर में बताता हूँ क्यों ??....////


दिल्ली में ही रहते दिल्ली के आस पास ही सुबह से शाम मक्कारी करने वाले खबरिया चैनलों के मक्कार रिपोर्टरों !! .. क्यों क्या पूरा जहान दिल्ली में ही आ बसा है ?? जरा अपने घर से बाहर भी निकलो - दुनिया बहुत बड़ी है ....

दुनिया में एक जम्मू काश्मीर भी है - वहां भी लोग रहते हैं - वहां भी एक सरकार है - उस सरकार के भी १०० दिन पूरे हो गए हैं - क्यूँ नहीं गए अभी तक वहां ?? क्या डर लगता है ?? किससे डरते हो मोदी से या मुफ़्ती से ?? या पाकिस्तानी समर्थकों से - या अलगाववादियों से जो आजकल झण्डावंदन के मज़े ले रहे हैं ??

शर्म आती है कि नहीं ?? क्या भारत में दिल्ली के अलावा भी अन्य प्रदेश हैं या नहीं ?? क्या कचरा केवल दिल्ली में है - क्या तोमर केवल दिल्ली में है - क्या भारती केवल दिल्ली में है - क्या महिला आयोग केवल दिल्ली में है - क्या धरना प्रदर्शन केवल दिल्ली में है - क्या बारिश दिल्ली में ही होती है - क्या आंधी केवल दिल्ली में ही आती है ?? .... बहुत आलसी और मक्कार हो गए हो .... तुम्हारा बस चले तो तुम तो दुनिया भर की खबर मय शूटिंग के अपने ही घर में बना कर चला दो .... अब तुमसे तो १००-२०० किलोमीटर भी बाहर जाते नहीं बनता है - लगता है पाँव दुःख जाते होंगे - कमर लचक जाती होगी - दिमाग बहक या भक्क जाता होगा .... धिक्कार है तुम पर ..... धक्के वाला धिक्कार !!!!

तुम्हे महिला उत्पीड़न भी केवल दिल्ली में ही नज़र आता है - और वो भी जिसमें एन-केन-प्रकारेण 'आप' पार्टी को लिप्त करने की सम्भावना हो - बाकी तो सब दूर रामराज्य स्थापित हो गया है .... मोदी वाला रामराज्य - जिसमें जसोदाबेन तक पूर्ण रूप से खुश सुरक्षित और संतुष्ट है ????

नकली डिग्री वाला भी तो इकलौता ही धराया है जिस पर पिछले ७ दिन से घिस पिट रहे हो - तोमर तोमर तोमर .... बाकी तो सब असली खालिस पीएचडी की डिग्रियां ही लेकर घूम रहे हैं .... और उनमें से अधिकाँश की जांच भी तुम्हारी खोजी जात वालों ने कर ही ली होगी ....बस अब तो यदि मोदी कृपा रही तो अगले कुछ दिनों में कुछ एक शिक्षा मंत्री और बाकी सब राज्यपाल या यूनिवर्सिटी के चांसलर या किसी संस्था के डायरेक्टर ही बन जाएंगे .... 

और नास पिटे सोमनाथ भारती का जो भारतीय होते हुए अपनी बीबी पर अत्याचार करता है .... बाकी तो सब अपनी बीबियों से डरते ही रहते हैं - मज़ाक मज़्ज़ाक़ में कभी कुछ कह दिया तो कह दिया .... और दिल्ली के बाहर तो ऐसा होना भी संभव ही नहीं है - दिल्ली के बाहर के निवासी तो बस पूछो मत - सबका कैरेक्टर भाजपाई योगी साधुओं जैसा निश्छल निष्कलंक ....

अरे अपने आपको राष्ट्रिय चैनल कहने वालों अब बहुत हुआ - तुम पुल्लू के अट्ठे हो - तुम्हें जितनी गालियां दी जाएं कम हैं - क्योंकि पूरा पूरा महीना निकल जाता है मेरे इंदौर का तो एक भी समाचार तुम्हारे चैनल पर नहीं आता है - क्यों ?? क्या इंदौर एक गाँव है ?? पिछड़ा इलाका है ?? यहाँ तक रेल या रोड नहीं आती ?? या तुम्हे शरम नहीं आती ?? क्या इंदौर में कांटे लगे हैं या यहाँ कुछ अच्छा बुरा घटित ही नहीं होता ?? क्या यहाँ नगर निगम नहीं ?? क्या यहां भ्रष्टाचार नहीं ?? क्या यहां कूड़े के ढेर नहीं ?? क्या यहाँ का कूड़ा खुशबू बिखेरता है ?? या कहीं ऐसा तो नहीं कि यहां भाजपा की सरकार है - या फिर यहांँ अभी केजरीवाल नहीं ??

नहीं मेरा इंदौर बिलकुल भी अलग नहीं है - मेरा इंदौर भी तो जैसा दिल्ली है लगभग वैसा ही है - वैसे ही लोग - वैसा ही गुनाह - वैसा ही कानून - वैसी ही समस्याएं - वैसी ही दानवता और वैसी ही मानवता .... सबकुछ लगभग सामान्य जैसा ही .... फिर तुम यहाँ क्यूँ नहीं पहुंचते ????

चेतावनी देता हूँ - दिल्ली से बाहर निकलो - सुधरो - ईमानदार और समझदार बनो - पत्रकार बनो !!!! 
वर्ना जो बेइज़्ज़ती अभी नेता जात की होने लगी है वैसी ही बेइज़्ज़ती जूतों सहित तुम्हारी भी हो सकती है ....

इसलिए आओ - मेरे इंदौर में भी आओ - स्वागत है !!!! आगे बहुत कुछ बताऊंगा - समझाऊंगा !!!!

2 comments:

  1. वाह जनाब
    तो आप इंदौर वाले हो
    दिल्ली के बाहर जाते हैं तो म्यांमार ही चले जाते हैं भारत की जगहंसाई को
    कोई फर्क नहीं पड़ेगा इनको समझाने का

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  2. Very nice...... Yeh sach hai agar ye chor modia(media) wale abhi nahin sudhra to inki bhi halat age chal ke is se bhi battar hogi..... Log inko inki bil se nikal nikal ke dhoyenge.......

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