Saturday 6 June 2015

//// इंदिरा गांधी जी का पुण्य स्मरण .... कारण ....////


आज मुझे फिर इंदिरा गांधी जी का पुण्य स्मरण हो आया ....

पहले तो एक अच्छे कारण के लिए .... आज मोदी जी बांग्लादेश गए हैं - और हिन्दुस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते की शुरुआत ही इंदिरा गांधी से होती है - क्योंकि बांग्लादेश के जन्म के लिए भी तो इंदिरा जी को ही श्रेय जाता है (मोदी जी को तो कदापि नहीं) ....

पर मैं भय से ग्रसित हूँ कि बांग्लादेश में अपने को चमकाने के चक्कर मोदी जी इंदिरा जी को भूल या अन्य भारतियों के योगदान को भूल कुछ ऐसा ना कह जाएं जिससे देश की छवि और प्रतिष्ठा को नुक्सान पहुंचे .... मसलन 'वन रैंक वन पेंशन' मुद्दे की तर्ज़ पर कहीं कुछ ऐसा ना कह जाएं कि हमारी पुरानी सरकारों ने सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास ना कर हमेशा समस्याओं को जोड़ने का काम किया - और देखो मैंने आते ही सब कुछ सुलझा दिया .... और साथ में लम्बी चौड़ी लफ़्फ़ाज़ी !!!!

मुझे इंदिरा जी आज एक अत्यंत विवादित मुद्दे के लिए भी याद आ रही हैं - क्योंकि वर्षों बाद आज फिर ब्लू स्टार ऑपरेशन - संत भिंडरावाले - खालिस्तान के बारे में बात चल पड़ी है .... और फिर याद हो आये हैं वो निंदनीय भयावह सिख विरोधी दंगे जो इस देश पर कलंक हैं ....

और ये बात चली है जम्मू से .... इसलिए मुझे डर है कि जम्मू-कश्मीर की वर्तमान सरकार जो एक अत्यंत अनैतिक राजनीतिक और सांप्रदायिक गठबंधन का ठीकरा है कहीं एक बार फिर देश में भाई चारे के ताने बाने को क्षत विक्षित ना कर दे .... क्योंकि एक बार फिर देशहित से कोसों दूर मोदी समर्थित बाप बेटी की सरकार अपने-अपने राजनीतिक एवं अन्य स्वार्थों के वशीभूत ही कार्य करती दिख रही है .... और प्रदेश के एक भाग से पाकिस्तान और अब एक भाग से खालिस्तान के हक़ में आवाज़ें उठना कुछ भयावह सा लगता है ....

और निश्चित ही इसलिए मैं आज इंदिरा जी को याद कर रहा हूँ - उन्हें नमन कर रहा हूँ !!!!

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