Tuesday 12 May 2015

//// हम भी तो तब ही जागते हैं जब कोई हमें पत्थर ईंट दे मारे .... कहीं हम वाकई ठुकने के लायक तो नहीं हो गए ??..////


कल दिल्ली की घटना पूरे मीडिया पर छाई रही .... जिसमें एक ट्रैफिक पुलिस वाले ने एक महिला पर ईंट फेंक मारी थी ....

ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि पहले पुलिस वाले ने महिला से २०० रुपये की रिश्वत मांगी - महिला ने देने से इंकार कर दिया - कहासुनी हुई - पुलिस वाले ने महिला की स्कूटी को क्षति पहुंचाई - तो महिला ने पुलिस वाले की मोटर साईकिल पर ईंट दे मारी - और अंततः पुलिस वाले ने महिला पर ईंट फेंक मारी .... महिला घायल भी हो गई !!!!

और इसके बाद पुलिस वाले को सस्पेंड कर दिया गया - और कुछ घंटे बाद ही नौकरी से बर्खास्त !!!!

मित्रो मैं दावे से कह सकता हूँ कि पुलिस वाले की बर्खास्तगी इसलिए हुई कि उसने महिला पर ईंट फेंकी थी - इसलिए नहीं कि उसने २०० रुपये की रिश्वत मांगी थी ....

ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि २०० रुपये की रिश्वत पुलिस के ही द्वारा दिल्ली में ही २०० हज़ार बार मांगी जा चुकी होगी .... पर क्या कभी भी ऐसी त्वरित कार्यवाही हुई ?? नहीं ना !!!!

इसलिए मित्रो मैं बहुत व्यथित हूँ - व्यथित इसलिए कि पुलिस वाले को ईंट फेंकने के कारण तो बर्खास्त कर दिया - पर उसको केवल रिश्वत मांगने के जुर्म में ही बर्खास्त क्यों नहीं किया गया ????

क्या एक पुलिस द्वारा एक महिला से सड़क पर दिन दहाड़े २०० रुपये की रिश्वत मांगना ईंट मारने से कमतर है ????

मित्रो !! गहन चिंता का विषय है कि रिश्वत और भ्रष्टाचार को हम किस स्तर तक आत्मसात कर चुके हैं - हम भी किस स्तर तक बेवकूफ हो चुके हैं जो रिश्वत के मामलों को सामान्य मान बैठे हैं .... और तब ही जागते हैं जब कोई हमें पत्थर ईंट दे मारे .... कहीं हम वाकई ठुकने के लायक तो नहीं हो गए ????

मित्रो चिंतन अवश्य ही करिएगा !!!!
और हाँ - रिश्वत तो कभी भी नहीं दीजिएगा - उस बहादुए महिला की ही तरह ....धन्यवाद !!!!

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