Monday 11 May 2015

//// राम मंदिर पर ऐसी राजनीति ?? राम ! राम !!....////


बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा, " बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने के वास्ते संसद में प्रस्ताव लाना इस बार संभव नहीं होगा " !!!! 

मेरे कुछ प्रश्न >>>>

>> क्या भूमि अधिग्रहण बिल पास कराने के लिए आपके पास राज्यसभा में बहुमत है - और केवल राम मदिर निर्माण के लिए कानून बनाने हेतु नहीं ??

>> मान लें कि आपके पास राज्यसभा में बहुमत होता - या भविष्य में आपके पास बहुमत हो जाता है - तो क्या आप साम्प्रदायिकता का खुल्ला नंगा नाच कर मंदिर निर्माण के लिए कानून पास कर देंगे ?? यदि हाँ तो मुखर हो ऐसा बोलने में आप कुछ परेशान से दिखे - क्यों ?? 

>> क्या जो प्रकरण सर्वोच्च न्यायलय में लंबित हैं उस निर्णय को भी बेअसर कर देंगे ?? यदि नहीं तो फिर "कानून" बनाने की बात क्यों कर रहे हैं ?? क्या ये सांप्रदायिक सोच नहीं ??

>> क्या आपके पास बहुमत होने पर आप जम्मू-काश्मीर से धारा-३७० भी हटा लेंगे ?? यदि हाँ तो उस बात का बखान क्यों नहीं कर रहे ?? और यदि नहीं तो क्यों ?? क्या हुआ आपके वादों और घोषणाओं का - क्या वो भी दाऊद इब्राहिम हो गए कि जब चाहो 'हाँ' जब चाहो 'ना' कह दो ??

>> क्या आपके पास बहुमत होने पर आप देश में 'यूनिफाइड सिविल कोड' भी लागू कर देंगे ?? यदि हाँ तो उस बात का बखान करने में क्या आपको डर लग रहा है कि मुसलमान संगठन आपकी वाट लगा देंगे ?? या आप चाहते हैं कि समस्या का समाधान आपसी समझ बूझ से निकले ?? तो फिर अन्य विषयों में भी यही कोशिश क्यों नहीं ??

>> आप कांग्रेस का तो बहुत मज़ाक बनाते ही रहे हैं और बनाते ही जा रहे हैं - तो कृपया आप भी जवाब दें कि क्या कांग्रेस को भी पिछली बार दोनों सदनों में बहुमत प्राप्त था ??  

>> और अंतिम प्रश्न - यदि आपको भविष्य में राज्यसभा में बहुमत प्राप्त नहीं होता है - और उसके बाद आप अगला चुनाव भी हार जाते हैं - तब आपकी उस सौगंध का क्या होगा - "सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीँ बनाएंगे" ?? क्या उसके बाद भी राम मंदिर पर राजनीति और कोशिश करते रहेंगे ??

और अंतिम प्रश्न का उत्तर मैं दे देता हूँ - आप राम मंदिर पर राजनीति करना तो चाहेंगे - पर शायद उसके लायक बचेंगे नहीं !! क्योंकि आप सांप्रदायिक होने के कारण राज्यसभा तो दूर लोकसभा में भी अगली बार नगण्य ही रहेंगे !!!!

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