Friday 29 May 2015

//// भक्त लोगों की तो निकल पड़ी - अकारण जश्न मनाने का सुअवसर ....////


जी हाँ - दिल्ली HC में भी आज LG और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर उठे विवादों पर दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई ....

एवं सामान्य प्रक्रिया के तहत न्यायलय द्वारा सभी पक्षों को अपनी अपनी बात हलफनामे के जरिये रखने का नोटिस देते हुए प्रकरण में एक अंतरिम निर्णय भी दिया गया ....

अंतरिम निर्णय के अनुसार पूर्व में चल रही व्यवस्था अनुरूप सरकार को सभी निर्णय LG को भेजने होंगे जिस पर LG को अपने विवेक से निर्णय लेने का अधिकार होगा .... यानि इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि - न्यायलय ने वर्तमान में यथास्थित बरक़रार रखते हुए सभी पक्षों को अब तक चल रही व्यवस्थाओं के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा है - तथा अगली सुनवाई ११ अगस्त को नियत की है .... शायद सामान्य न्यायिक प्रक्रिया ऐसे ही चलती है !!!!

अब ऐसे अंतरिम निर्णय पर भी यदि भक्त लोग जश्न मनाना चाहते हैं तो उन्हें निश्चित ही इसका अधिकार है - क्योंकि भक्तों के स्टैण्डर्ड से ये बात जश्न मनाने के लायक है ....

पर मैं इसे केजरीवाल समर्थकों एवं प्रजातान्त्रिक मूल्यों के हिमायतियों के लिए मायूस होने का कारण कदापि नहीं मानता हूँ ....

बल्कि जिस प्रकार से न्यायलय ने अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के बारे में भी जानकारी मांग ली है - मैं यह प्रकरण अब वृहद महत्त्व का होता देख रहा हूँ जिसका निचोड़ शायद अंतिम फैसले के रूप में कई अन्य पहलुओं को भी प्रभावित करेगा जिसमें मुख्यतः संघीय ढांचे के अंतर्गत 'केंद्र' और 'राज्य' के अधिकार और कर्त्तव्य भी निर्णीत होंगे !!!!

अब क्या है अरविन्द केजरीवाल चीज़ ही ऐसी हैं - वो दिल्ली में छींक भी मारेंगे तो हो सकता है इसकी गूँज पॉन्डिचेरी या अंडमान निकोबार या पश्चिम बंगाल भी जाए ....

तो खुश होने वाले खुश होते रहें - उन्हें मेरी हार्दिक बधाई .... मैं तो उत्सुकता से देखूँगा कि केजरीवाल के तीर कहाँ से छूटते हैं और वो किधर जा के लगते हैं और कहाँ असर करते हैं .... और हाँ इस बीच केजरीवाल और क्या क्या नया नायब करते हैं ....

पुनश्चः - कृपया विदित हो कि इस देश के सड़े-गले पुराने नियम शास्वत नहीं हैं .... नियम बदले गए हैं - बदले जा रहे हैं - बदले जाते भी रहेंगे - और बदले जाने भी चाहिए !!!!

No comments:

Post a Comment