Sunday, 31 May 2015

//// वो मन की बात बोलते गए ... मैं अनमने सुनता गया .... बस !! ..////


मोदी जी के मन की बात एक बार फिर सुन ली ....

छात्रों को विफलता और सफलता का पाठ पढ़ाते हुए वो सभी बातें बोलते रहे जो सभी सफल और विफल पहले से सुन चुके होंगे ....

अपने एक वर्ष पूर्ण होने पर भी कहा कि कई लोगों ने निंदा करी कई लोगों ने तारीफ और कई लोगों ने डिस्टिंक्शन भी दे दिया .... पर मोदी जी ये नहीं बोले की कई लोगों ने शून्य भी दिया .... यानि अपने मुँह मियाँ मिट्ठू ....

उसके बाद अपनी बीमा योजनाओं की घिसी पिटी बात - लगा बीमा कम्पनी का एजेंट बोल रहा हो .... मरणोपरांत फायदे की पालिसी लेने के लिए ....

फिर किसान टीवी चैनल की बात .... नया कृषि दर्शन देख सुन किसानों को कितना लाभ होगा या नहीं पता नहीं - पर लगा चैनल का विज्ञापन हो रहा हो ....

आगे बात करी योग दिवस की .... २१ जून .... मोदी जी ने फिर अपनी पीठ ठोंकी की इसे विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है केवल उनके प्रयासों से .... तो अब २१ जून तक करोड़ों के विज्ञापन झेलने के लिए तैयार रहें .... एक नया बहाना मीडिया को रिश्वत देते रहने का तैयार है ....

सेना के जवानों के लिए भी बोले - सबसे पहले तो शर्मनाक तरीके से ४० साल की सरकारों को कोसा - फिर बोले मामला पेचीदा है - सरल नहीं - पर विश्वास दिलाया - कि वो करेंगे - जवानों की भूरि भूरि प्रशंसा करी - अपने को देशभक्त सिद्ध करने के कई डायलॉग मारे - और अंत में टुच्चाई पटक दी कि विरोधियों को चिल्लाने दें उन्हें राजनीति करने दें ....

और अंत में बोले - जाओ छुट्टी मनाओ - घूमों फिरो - पर डायरी बनाओ - भ्रमण करो पर अनुभव लिखो .... और कुछ सीखने का प्रयास करो .... ऐसा करो वैसा करो .... और अपने अनुभव मेरे साथ शेयर करो इनक्रेडिबल इंडिया पर .... शेयर करें ???? मोदी जी से ???? छुट्टी के अनुभव ???? - !@#$% 

और अंत में बोले - गर्मी से अपना बचाव करना - अपने को बचाना - पक्षियों का ख्याल रखना ....
बस यूँ ही बोलता गया जो मन में आया बोलता गया ....

और मैं भी सुनता गया .... बकवास ! क्योंकि जो बातें कहीं बेमानी सी लगीं - प्रधानमंत्री के मुहं से औचित्यहीन - अप्रासंगिक !!!!

1 comment:

  1. haha haha well said dua ji...
    modi ji sirf aur sirf bolte hi hain.

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