Monday 18 May 2015

//// 'BRICS' में 'I' लुढक गया था - मोदी ने संभाला .... मोदी से भी 'I' लुढक गया है - ये 'MOD' हो गए हैं ..////


अभी-अभी दक्षिण कोरिया के सिओल से भारतीय समुदाय के समक्ष मोदी का दिया भाषण झेला ....

मोदी ने पहले ज्ञानवर्धन कराया - 'BRICS' यानि - Brazil. Russia, India, China, South Africa .... फिर आये मुद्दे की फालतू बात पर और बोले - 'BRICS' से कई लोगों को बड़ी आशाएं थीं - पर कई वर्षों से विश्व को लगने लगा था 'BRICS' में 'I' तो लुढक रहा है - सपना लुढक रहा है .... लेकिन १ वर्ष में सब कुछ बदल गया है - अब विश्व को लगने लगा है कि 'I' के बिना तो कुछ होना संभव ही नहीं है .... और फिर लम्बी लम्बी बातें कर एक बार फिर यही कहा कि १ वर्ष के पूर्व तो देश की हालत बहुत खराब थी .... पर मैंने एक वर्ष में सब कुछ बदल दिया है .... मैंने ! हाँ हाँ मैंने !!

गनीमत है ये नहीं कहा कि पूर्व में मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मेरे प्रयासों से ही तो 'BRICS' का गठन हुआ था ....

मेरा कहना है .... पुरानी सरकारों की बार-बार बुराई कर अपने को उच्च और बाकी सभी नेताओं और सरकारों को तुच्छ बताना - वो भी विदेशी धरती पर - निंदनीय आपत्तिजनक और अनावश्यक है ....

पर मोदी को कौन समझाए - इनका तो ये हाल है कि MODI में से भी तो 'I' लुढक गया है - पर फिर भी ये तो 'MOD' बन कर घूम रहे हैं - "स्साला मैं तो साहब बन गया - सूट पहन कैसा तन गया" ....

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