Thursday 21 May 2015

//// दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का धंधा हो रहा था या नहीं ??....////


'आप' पार्टी के नेता और दिल्ली में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अभी-अभी एक और तीर छोड़ा है - कड़वा नंगा सच बोलने की परंपरा निभाते हुए बड़ी शालीनता और सहजता से कहा है कि - "दिल्ली में अभी तक अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग में लाखों करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा था जो एक धंधा बन गया था जिस पर हमने ३ महीने से रोक लगाई है - और इसलिए इससे कई लोगों को दर्द हो रहा है" ....

मनीष भाई !! इन टुच्चों को दर्द तो हो ही रहा था - पर अब आपके तीर ठिकाने पर लग दर्द को और बढ़ाने वाले हैं .... इसलिए कह सकते हैं आपने कई लोगों की दुखती रग पर हाथ रख दिया है !!!! 

मित्रो अब इन मोदी टाइप के लोगों को जो कागज पर लकीर नहीं खींच सकते और पत्थर पर लकीर खींचने की फेंकते हैं उनको और उनके पिछलग्गुओं  को कौन बताए कि अब उनकी लकीर घिस पिट गई है और उनके नसीब और पत्थर टूटने की कगार पर हैं .... आखिर केजरीवाल के सामने कब तक लकीर पीटते रहोगे ?? कब तक चट्टान से माथा फोड़ते रहोगे ?? .... वो भी जबकि केजरीवाल मजे और आराम से अपनी लकीरें खींच रहे हैं - जैसे कि एक पढ़ा लिखा इंसान या कलाकार कागज़ पर पेन पेन्सिल से खींचता है ....

तो मित्रो - अब देखते हैं कि केजरीवाल के विरोधी इस विषयक क्या जवाब देते हैं - मक्कारी के साथ नकारते हैं कि ट्रांसफर पोस्टिंग में कोई भ्रष्टाचार नहीं हो रहा था - या फिर पुराना राग अलापते हैं कि केजरीवाल का क्या वो तो कुछ भी आरोप लगा सकते हैं - यानि सच से बचने का पुराना फार्मूला ....

खैर जवाब कुछ भी दें - केजरीवाल के इस कदम से जो अफसर भाजपा निर्देशित LG के इशारे पर उछल कूद मचाने की तैयारी कर रहे थे उनकी अक्ल थोड़ी वाइब्रेट तो कर ही गई होगी - सोच रहे होंगे - कौन फंसे इस LG के लफ़ड़े में .... या केजरीवाल के झगडे में !!!!

मैं इसलिए कहता हूँ कि केजरीवाल को पार पाना इन टुच्चों के बस की बात तो नहीं है - पर यह भी सच है कि कोई निम्न दर्जे की टुच्चई करके ही तो केजरीवाल को पार पाया जा सकता है .... पर सावधान !! जनता अब ऐसा होने नहीं देगी !!!!

4 comments:

  1. Tons of like for this post Dua jee......

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  2. बकवास ... ये लफ्फाज़ जबसे पैदा हुआ तब से दूसरों पर सिर्फ़ इलज़ाम लगाने का काम कर रहा ... आगे भी यही करता रहेगा ... कायर ऐसे ही होते हैं ... ऊपर से क्रूर निर्दयी प्रचारलंपट ... देश या देशवासियों की इसे ज़रा भी चिंता हो तो जाए अदालत में और कम से कम एक भ्रष्टाचारी को सज़ा दिलवाकर दिखाए ... वरना हज़ारों पन्ने भर भर के बकवास लिखते जाएं ज़िंदगी भर ... बांधते जाएं तारीफों के हवाई पुल ... देशवासियों को रत्तीभर फायदा नहीं ऐसे घटिया नेताओं से ...

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  3. Fact 1: Mr. Kejriwal and his wife never transferred out of Delhi
    Fact 2: Ashok Khemka, IAS transferred 45 times in 23 years

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