Friday 8 May 2015

//// 'अफवाह का खंडन' ?? .... बरखा का पानी गीला क्यों होता है ??....////


अब DCW की बरखा सिंह कुमार विश्वास के पीछे हाथ धो कर पड़ गई हैं कि वो 'अफवाह का खंडन' करें ....


मित्रो मैं दावे से कहता हूँ कि यदि आप दिमाग पर पूरा ज़ोर डाल दें और गूगल गुरु की भी मदद ले लें और पिल जाए खोज करने के लिए कि पूर्व में ऐसा कब हुआ था जब किसी के द्वारा किसी को भी 'अफवाह का खंडन' करने हेतु कहा गया हो ....तो भी आप एक भी उदाहरण प्रस्तुत नहीं कर सकेंगे ....


इसका एक कारण है कि आप किसी भी व्यक्ति से आरोपों का खंडन या पुष्टि हेतु मांग कर सकते हैं - या किसी भी शंका के समाधान हेतु मांग तो कर ही सकते हैं .... पर यदि आप पागल नहीं हैं तो आप 'अफवाह के खंडन' की बेतुकी मांग कैसे कर सकते हैं ?? .... जैसे ही आपने किसी बात को 'अफवाह' बोल दिया तो वो बात तो स्वतः ही अस्तित्वहीन हो जाती है - फिर उस 'अफवाह' के खंडन या पुष्टि का क्या औचित्य और कैसी आवश्यकता ??


वैसे मैंने कई लोगों को देखा है - जो इसमें के प्रश्न भी पूछ सकते हैं - क्यों ये बरखा हमेशा नीचे क्यों गिरती है ? ये बरखा पानी-पानी क्यों हो जाती है ?  बरखा का पानी गीला क्यों होता है ?


अब पागलों का क्या - वो तो कुछ भी बोल सकते हैं - कुछ भी मान सकते हैं - कुछ भी मांग कर सकते हैं - और 'अफवाह के खंडन' को ज़रूरी बता उसकी मांग तो कर ही सकते हैं .... है ना !!!!


क्या है - ये गंदी राजनीति करने वाले घटिया लोग किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं - जी हाँ गिर सकते हैं यानि नीचे और केवल नीचे - यानी गड्ढे में .... पर कमाल है - कुछ पागल यही "अफवाह" फैला रहे होते हैं कि देखो ये उठ रहे हैं .... गिर के भी उठ रहे हैं ????

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