Wednesday 20 May 2015

//// अब बात हो जाए - संवैधानिक राज्यपालों से सम्बद्ध असंवैधानिक हरकतों की ....////


केजरीवाल ने दिल्ली में 'अफसरों के पोस्टिंग ट्रांसफर' पर बखेड़ा खड़ा कर पूरे देश को बहस पर लगा दिया है - बहस हो रही है - केजरीवाल खुश और प्रसन्न होंगे ....

पर मैं आज हो रही बहस से यह आंकलन अब स्पष्ट रूप से कर पा रहा हूँ कि केजरीवाल ने बहस को बहुत व्यापक आयाम दे दिया है .... और बहस में दो और मुद्दों को लपेट लिया है ....

उनमें पहला मुद्दा है "दिल्ली का पूर्ण राज्य का दर्जा" - और जैसा मैं अनुमान लगाता हूँ केजरीवाल वर्तमान में 'अफसर ट्रांसफर पोस्टिंग' पर हो रही जंग से जंग को हारना चाहेंगे .... और इस हार के बल पर वो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने हेतु अपनी आगामी चालों को अक्ल से चलते हुए इस महान और लगभग असंभव से लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करेंगे ....

और दूसरा मुद्दा है - हास्यास्पद और बेशर्मी के साथ अभी तक केंद्र सरकारों द्वारा होते रहे "राज्यपालों की पोस्टिंग ट्रांसफर का" .... और राज्यपाल के पद पर गरिमाविहीन लोगों को बैठा अपना उल्लू सीधा करने का ..... यानि अब बात हो जाए  -  // संवैधानिक राज्यपालों से सम्बद्ध असंवैधानिक हरकतों की // ....

और मित्रो मैं ऐसा सोचता हूँ कि हमको अरविन्द केजरीवाल के रूप में एक ऐसा नायाब बंदा मिला है जो हमारे लिए कई अहम् मुद्दों पर लड़ भिड़ रहा है - वो अपने लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर चिपक कर कार्य नहीं करना चाहता है - वो पूरी व्यवस्था परिवर्तन हेतु प्रयास कर रहा है - लड़ रहा है - जूझ रहा है .... और इसलिए मेरा अभिमत है कि जनता का केजरीवाल को समर्थन जारी रहना अपरिहार्य है ....!!!!

और अंत में दिल्ली विषयक छोटी सी बात करना चाहूँगा उस टुच्ची बात विषयक जो कुछ नाकाम लोग करते फिर रहे हैं कि केजरीवाल अपनी नाकामी छिपाने के लिए ये सब प्रपंच कर रहे हैं - इन सभी टुच्चे लोगों को कृपया विदित होवे कि ....
अव्वल तो दिल्ली सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है - और इसके पीछे की कहानी ये है कि काम करने की जिम्मेदारी अलग लोगों के पास जो है ....
और 'टुच्चों का काम लगाने की जिम्मेदारी' केजरीवाल ने अपने मजबूत कन्धों पर उठा रखी है ....
समझे श्रीमान !!!!

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