Thursday 7 May 2015

//// फुटपाथ पर सोने वाले गरीब कहाँ जाएँ - क्या करें - क्या चाहें ??....////


मैं सोचता हूँ कि यदि मोदी जी से आज ये प्रश्न पूछा जाए कि - "फुटपाथ पर सोने वाले गरीब कहाँ जाएँ ?? तो संभावित या प्रत्याशित उत्तर होंगे >>>>

> ६७ साल हो गए आज़ादी को - पिछली सरकारों ने तबाह कर दिया ....
> ख़ुशी की बात है कि गायक अभिजीत के बयान से ये विषय चर्चा में आया है - हमें इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा .... ये बहुत पीड़ादायक है - मुझे गरीब की इस पीड़ा का एहसास है - मैंने खुद गरीबी देखी है .... मैंने भी फुटपाथ पर चाय बेची है .... 
> मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मैंने इस दिशा में बहुत काम किया और कई योजनाएं लागू करी और अब उसके परिणाम दिखने लगेंगे .... 
> मेरा सपना है कि जब हम गांधी जी की 'पौनी डेढ़ी' जयंती मना रहे होंगे तब हर गरीब शोषित पिछड़े मजदूर किसान खुले में सोने वाले व्यक्ति के सर पर छत हो ....
> हम सबके लिए घर बना कर देंगे - ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ ....
> अभी हम जो १०० स्मार्ट सिटी बना रहे हैं - उनमें ही इन फुटपाथवालों को शिफ्ट करने की योजना है - और यदि हम ऐसा नहीं भी कर पाए तो जो लोग स्मार्ट सिटी में शिफ्ट करेंगे उनके खाली घरों में फुटपाथ पर सोने वालों को शिफ्ट कर देंगे ....
> हम नए नए आधुनिक बस स्टैंड प्लेटफॉर्म एयरपोर्ट का जो निर्माण कर रहे हैं या बगीचों का जो निर्माण कर रहे हैं - वहां पर भी तो ये फुटपाथ वाले सो सकेंगे - जैसा की अभिजीत जी ने आईडिया दिया है ....
> भाइयों और बहनों - हम गरीब के लिए वो सब कुछ करेंगे जिससे वो फुटपाथ पर कुत्ते की मौत ना मरे - यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ .... हमारी नीयत साफ़ है और हम दिन रात यही काम करने में लगे हैं !!!! 

और यदि फुटपाथ पर सोने वाले गरीब से आप मोदी जी के जवाबों की प्रतिक्रिया चाहेंगे तो शायद वो गाली देगा या रोएगा - या फिर बोलेगा ....

बस बहुत हुआ - झूठे वायदों और फेंकम-फाँक  पर अब और खुश नहीं हुआ जाता ....
आप तो प्रधानमंत्री से जाकर कह दें कि हम पर बस एक कृपा कर दें .... करोड़ों रुपये के स्वच्छता अभियान के तहत हमारे फुटपाथ ही साफ़ करा दें - हम आवारा कुत्ते की मौत मरने के लिए तैयार हैं - कुछ दिन ऐय्याशों के पालतू कुत्तों की तरह थोड़ी सी साफ़ सफाई में भी दिन काट लें तो मोदी जी आप का बहुत बड़ा एहसान होगा ....

पुनश्चः - मेरा यह लेख काल्पनिक है पर शायद यथार्थ के सबसे करीब !!!!

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