राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के चलते दो एक दिन पहले सरकार ने आंदोलन की अगुवाई कर रहे गुर्जर नेता कर्नल बैंसला एवं अन्य के विरुद्ध 'देशद्रोह' का प्रकरण पंजीबद्ध किया था ....
इसके बावजूद आज सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच वार्ता का एक और दौर होना है .... जबकि आंदोलन के कुकृत्य अपने चरम पर हैं - और न्यायालय सरकार को फटकार लगा रहा है !!!!
मेरी प्रतिक्रिया ....
छुट्टे घूम रहे सार्वजनिक रूप से दिख रहे 'देशद्रोह' के आरोपी अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं ??
क्या पुलिस अंधी है या हमारा कानून ? या कानून का पालन करवाने वाले अक्षम ??
यदि दावूद इब्राहिम कोटा के रेलवे स्टेशन पर खड़ा दिख जाएगा तो भी क्या पुलिस और सरकार का रवैय्या ऐसा ही शर्मनाक रहेगा ??
क्या देश की इज़्ज़त गुर्जरों से कमतर है ??
'देशद्रोह' के आरोपियों से सरकारी स्तर पर बातचीत क्यूँ और कैसे हो रही है ??
क्या बातचीत से यदि कोई समाधान निकलता है और कोई समझौता होता है तो क्या ऐसा समझौता एक 'देशद्रोही' के साथ होने के कारण वैध माना जाएगा ? और उस समझौते का आदर हो पालन भी हो जाएगा ????
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी झंडा फहराने वालों पर भी 'देशद्रोह' का आरोप लगाकर जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो हम और भक्त सभी ताली बजा रहे थे - सरकार में ही बैठे कुछ लोग और देशद्रोहियों के साथी अपनी छाती कूट रहे थे - और केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपाते दिखने की चेष्टा कर रही थी ....
तो अब क्या हो रहा है ? क्या 'देशद्रोह' भी ना ना प्रकार का होता है ? हो सकता है ?? होना चाहिए ??? क्या गुर्जर और काश्मीरी मुसलमान या छत्तीसगढ़ के नक्सल का 'देशद्रोह' कुछ अलग-अलग नज़रिये से देखा जाएगा ????
कहीं ऐसा तो नहीं कि राजनीति के चक्कर में ये राजस्थान और केंद्र सरकार 'देशद्रोहियों' के सामने घुटने टेक स्वयं 'देशद्रोह' ही कर रही है ????
देश के एक नागरिक की हैसियत से मैं वसुंधरा सरकार और मोदी सरकार से ये माँग करता हूँ कि या तो गुर्जर आंदोलनकारियों पर लगे 'देशद्रोह' के आरोप या प्रकरण वापस लिए जाकर अभी तक सरकारी नुकसान की भरपाई अपनी और अपने अद्योगपति दोस्तों की व्यक्तिगत संपत्ति से करें .... या .... सभी देशद्रोही आरोपित आंदोलनकारियों को तुरंत गिरफ्तार करें और उनसे किसी भी प्रकार की अधिकृत बातचीत करने का पाप नहीं करें !!!!
Ek Dam pate ki baat kahi Dua Sahab
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