Tuesday 5 May 2015

//// DCW 'दिल्ली कमीशन फॉर वूमेन' में भी 'आप' पार्टी की मेंबर ??....////


कुमार विश्वास का प्रकरण तो वाकई उपयोगी होता जा रहा है .... उपयोगी इसलिए कि ये बेइज़्ज़त लोगों को बेइज़्ज़त करते ही जा रहा है .... और घटिया मीडिया को 'बाज़ारू' 'प्रेसटीट्यूट' सिद्ध कर रहा है ....

DCW 'दिल्ली कमीशन फॉर वूमेन' ने अति उत्साह या आकाओं के दिशानिर्देश पर कुमार विश्वास के विरुद्ध अपनी साज़िशाना हरकतों को हवा देने हेतु एक प्रेस कांफ्रेंस तक बुला मारी .... और उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही DCW की एक सदस्य जूही खान ने बगावत कर दी - पूरे प्रकरण को राजनीति से प्रेरित करार दे दिया - और कुमार विश्वास को एक ईमानदार व्यक्ति ....DCW की अध्यक्षा बरखा सिंह और जूही खान में अच्छी खासी बहस भी हो गई .... और इसके बाद बरखा सिंह ने जूही खान को 'आप' पार्टी की मेंबर ही करार दे दिया !!!!

मित्रो मेरे अनुसार भारतीय राजनीति का ये प्रकरण बेवकूफी, नीचता, वैमनस्यता और फूहड़ता से भरा सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और हास्यास्पद प्रकरण है - और आज मैं खुल कर कहना चाहता हूँ कि यदि इस प्रकरण में महिलाएं भी राजनीति कर रही हैं या फिर चुप हैं तो महिलाओं को अपने हक़ की लड़ाई में जीत कभी नहीं मिलेगी .... आने वाले समय में भाजपा या कांग्रेस या आप जीतती या हारती रहेगी - पर महिला निश्चित ही हारेगी !!!!

स्पष्ट कर दूँ कि इस मनगढंत प्रपंचित प्रकरण में न तो 'आप' पार्टी का कुछ बिगड़ना है ना केजरीवाल का - और ना ही कुमार विश्वास का .... पर नफे नुकसान की बात से अलग मैं कुछ प्रश्न सबके समक्ष रखना चाहूँगा >>>>

> DCW 'दिल्ली कमीशन फॉर वूमेन' ने इससे पहले कब प्रेस कांफ्रेंस कर किस प्रकरण में इतनी दिलचस्पी या चेतना या संवेदनशीलता दिखाई थी ?
> क्या DCW अध्यक्षा बरखा सिंह को पहले नहीं मालूम था कि जूही खान 'आप' पार्टी से जुडी महिला हैं ?
> क्या DCW की किसी भी सदस्य को किसी भी राजनितिक पार्टी से जुड़ा होना चाहिए था या है ?
> यदि जूही खान 'आप' पार्टी से जुडी थीं तो बरखा सिंह DCW अध्यक्षा होने के नाते चुप और अकर्मण्य क्यूँ थीं ?
> क्या बरखा सिंह स्वयं कांग्रेस पार्टी से जुडी नहीं हैं ?
> क्या बरखा सिंह नैतिकता की कसौटी पर स्वयं खरी उतरती हैं ?
> क्या कुमार विश्वास ने कैरेक्टर सर्टिफिकेट जारी करने का नैतिक, राजनीतिक  या व्यावसायिक दायित्व उठा रखा है ?
> क्या कुमार विश्वास यदि DCW में उपस्थित होकर कहेंगे कि उनका कोई अवैध संबंध नहीं है तो ही उस व्यथित महिला को सर्टिफिकेट मिल पायेगा कि उसका कोई अवैध संबंध कुमार विश्वास से नहीं है ?
> क्या इस देश में स्वयं महिला ये कह दे कि उसका अवैध संबंध पुरुष कुमार विश्वास से नहीं है तो उसको तो ये समाज नहीं मानता - पर यदि  पुरुष कुमार विश्वास ये कह देगा कि उसका उस महिला से अवैध संबंध नहीं है तो समाज मान लेगा ?
> क्या DCW की तर्ज़ पर ही अब DCM ''दिल्ली कमीशन फॉर मेन' की भी आवश्यकता नहीं है ?

छिः थू है ऐसे समाज पर और ऐसी सोच पर और ऐसे मीडिया पर और ऐसे घिनौने लोगों पर जो अरविन्द केजरीवाल, 'आप' और विश्वास को बदनाम करने और निपटाने के चक्कर में सारी सीमाएं लांघ गए हैं ....

निश्चित ही कुमार विश्वास ने सही प्रश्न किया था - क्या मीडिया में या मीडिया वालों के घर भी माँ बहने महिलाएं हैं या नहीं ??
निश्चित ही होंगी पर शायद वो चुप हैं - चुप क्यों हैं - शायद आज उनको बोलने की जरूरत नहीं है .... नहीं क्या ??
‪#‎DCW‬ ‪#‎Paidnews‬ ‪#‎KumarVishwas‬ ‪#‎Presstitute‬

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