Monday 20 April 2015

//// मोदी के बखान का दायित्व यदि सांसदों पर - तो सांसदों के घटियापन हेतु अगर मोदी माफ़ी मांग ही लेते हैं तो हर्ज़ ही क्या है ??....////


गिरिराजसिंह द्वारा लगभग २० दिन पूर्व सोनिया गांधी के विषयक शर्मनाक बयान दिया था जो न केवल सोनिया के विरूद्ध था बल्कि वो सभी महिलाओं के एवं विशेषकर नाइजीरिया के विषयक भी आपत्तिजनक था .... अर्थात घटिया गिरिराजसिंह का बयान घटिया था ....

और चूँकि गिरिराजसिंह कई विवादों में रहने के बावजूद शायद अपने घटियापन के रहते ही मोदी के मंत्री भी हैं - इसलिए आज विपक्ष द्वारा बजट सत्र के द्वितीय चरण के शुभारम्भ होते ही इस मुद्दे को जोर शोर से उठाते हुए विपक्ष द्वारा न केवल गिरिराजसिंह के त्यागपत्र बल्कि प्रधानमंत्री से भी माफ़ी मांगने की मांग कर डाली ....

पर सत्ता पक्ष की तरफ से वेंकैय्या नायडू ने प्रधानमंत्री के द्वारा किसी भी जवाबदेही को नकार दिया ... और तब विपक्ष के नेता खड़गे जी द्वारा यह बात कही गई कि -  प्रधानमंत्री को माफ़ी केवल इतनी मांगनी है कि उनके बार बार कहने के बावजूद भी कोई उनकी सुनता नहीं है - इसलिए वे स्वयं ही माफ़ी मांग लें .... बस !!!!

मुझे खड़गे जी की बात में दम लगा .... वो इसलिए भी कि अभी कल ही तो अपने सांसदों को मोदी जी कह रहे थे कि वो सब जनता के बीच जाकर मोदी का पक्ष रखें .... और इस हिसाब से तो यदि वही सांसद यदि जनता के बीच अनर्गल बात करते हैं तो फिर मोदी जी उनकी तरफ से माफ़ी क्यों ना मांगें .... और वैसे भी मंत्री होने के नाते "सामूहिक जवाबदारी" के मद्देनज़र भी मोदी जी अगर माफ़ी मांग ही लेते हैं तो हर्ज़ ही क्या है ??

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