Saturday 18 April 2015

//// जम्मू-कश्मीर मामले का प्रभार सुषमा स्वराज को तत्काल सौंपा जाए....////


मुझे लगता है कि अपरिपक्व भाजपा और उसके शीर्ष नेतृत्व ने कश्मीर के हाल बदहाल कर दिए ....
वहां अभी तक जो कुछ भी किया और वहां जो कुछ भी हुआ वह चिंताजनक एवं आपत्तिजनक रहा है !!!!

मुझे लगता है अब कुछ समय बाद - मोदी जी अपनी इसी नाकामी और गलती को अपने ही अंदाज़ में पेश कर लफ़्फ़ाज़ी का परिचय दे हाथ झाड़ अलग हो जाएंगे .... शायद यही कहेंगे कि उन्होंने दिलेरी दिखा कुछ करने का प्रयास किया कुछ प्रयोग करने का प्रयास किया .... पर बाप बेटी की बदनियती और गलतियों के कारण और पाकिस्तान के षड़यंत्र के तहत ये प्रयोग असफल कर दिया गया है .... क्योंकि अलगाववादी ये चाहते थे कि यह प्रतिपादित हो सके कि हिन्दू मुसलमान साथ-साथ नहीं रह सकते .... आदि अनादि इत्यादि !!!!

पर मित्रो !! मैं इस प्रकार की सभी दलीलों को पहले से ही ख़ारिज करता हूँ ....
और मोदी जी को धिक्कारता हूँ कि जब हम जैसे साधारण व्यक्तियों को शुरू से ही ऐसा अनर्थ होने की प्रत्याशा थी तो केवल एक उपमुख्यमंत्री के पद के लिए और सत्ता की लालसा के लिए और अपने आपको एक धाँसू नेता साबित करने के चक्कर में आपने वो अनर्थ कर दिया है जिसकी भरपाई करना शायद बहुत मुश्किल हो !!!!

और मोदी जी की विपक्ष एवं अन्य सभी के साथ रिश्तों में बढ़ती कडुवाहट को देखते हुए अब कुछ भी आपसी सामंजस्य और ताल मेल के होता भी नहीं दिख रहा है .... "सबका विकास" तो दूर की कौड़ी हुई - "सबका साथ" भी अब संभव प्रतीत नहीं होता !!!!  

मित्रो मुझे लगता है कि उपरोक्त परिस्तिथियों में हाल फिलहाल और तत्काल मोदी जी को देश हित में जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से संबंधित सभी मामलों से अपने आप को पृथक कर पूरा स्वतन्त्र प्रभार परिपक्व सुषमा स्वराज को सौंप देना चाहिए !!!! 

और साथ ही अपेक्षा करूंगा कि संघ, विहिप, अन्य हिन्दू या मुस्लिम संगठन या दल और पूरा विपक्ष भी इस पूरे मामले को धर्म और आतंरिक राजनीति से ना जोड़ इसे केवल "राष्ट्रिय मुद्दे" के रूप में ही देखेगा - और विशेष कर प्राची, आदित्यनाथ, साक्षी महाराज, तोगड़िया, आजम खान, ओवैसी, मोहन भागवत, दिग्विजयसिंह आदि जैसे सभी स्वघोषित देशभक्त नेताओं के मुहँ पर टेप चिपका कर कुछ दिन शांत रहने को कह दिया जाएगा .... और सेना को खुल्ली छूट के साथ तैयार रहने को ....  

उपरोक्त सुझाव मैं अपने दीर्घ अनुभव और अपने देश के हित में और जम्मू-कश्मीर में दिन-ब-दिन तेजी से बिगड़ते हालात के मद्देनज़र बहुत संजीदगी से दे रहा हूँ !!!! मैं इसे आपात स्थिति के रूप में देख रहा हूँ !!!! अतः सावधान !!!!

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