Wednesday 22 April 2015

//// 'बाप बेटा' - 'बाप बेटी' तो ठीक है .... पर अब 'माँ बेटे' का क्या करोगे ??....////


'बाप बेटे' को तो आपने निपटा दिया ....
'बाप बेटी' आपको निपटा देंगे ....

और बेटे ने अब माँ के संरक्षण में दहाड़ना शुरू कर दिया है .... किसानों के मुद्दे या नेट न्यूट्रैलिटी के बहाने - सूट, क़र्ज़, उद्योगपति दोस्त, ओबामा, ट्रायल बैलून आदि पर बात कर आपको असहज तो कर ही दिया है ....    

इसलिए 'माँ बेटा' क्या करेंगे या अब आप 'माँ बेटे' का क्या करेंगे देखना दिलचस्प होता जा रहा है ....
अभी तो शुरुआत हुई है .... आज बेटा तीसरी बार ही तो बोला है !!!!  

वैसे बता दूँ - कि एक और एक दो तो होते ही हैं - पर कभी-कभी ग्यारह भी हो जाते हैं ....
पर 'छड़ा' यानि एक अकेला तो हर हाल में एक ही रहता है .... बेचारा अकेला !!!!

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