Tuesday 7 April 2015

//// अगले संडे गडकरी और शाह का साईकिल चालन !! हा हा .... सॉलिड आईडिया > जुनून > कामयाबी > किस्मत ...////


मोदी जी ने हफ्ते में एक दिन संडे को #साईकिल चलाने की अपील करी है ....

मैं उनका ध्यान कुछ बिन्दुओं की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा >>>>

>> जो साईकिल चलाते हैं वो तो सातों दिन साईकिल ही चलाते हैं - और उनके पास साईकिल होती है ....
>> जो साईकिल नहीं चलाते हैं वो सातों दिन साईकिल नहीं चलाते हैं - और उनके पास साईकिल नहीं होती है ....
>> इसलिए हफ्ते में एक दिन साईकिल चलाने की प्रधानमंत्री की अपील को मूर्त रूप देने वालों को साईकिल खरीदनी होगी ....
>> आजकल सामान्य अच्छी साईकिल की कीमत लगभग रु १५०००/- है ....
>> अब शगल के लिए हफ्ते में एक बार साईकिल चलाने के लिए रु १५०००/- खर्च करना एक अमीर के लिए तो संभव हो सकता है परन्तु एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए नहीं ....
>> और आजकल छोटे छोटे और बहुमंजिला निवास तथा पार्किंग की समस्या के मद्देनज़र तो साईकिल खरीदना एक जी का जंजाल भी बन सकता है .... और जिस देश में रेल का इंजन चोरी हो जाता हो वहां बिना रेजिस्ट्रेशन नंबर बेचारी अबला साईकिल की चोट्टों से हिफाज़त करना भी तो एक टेढ़ी खीर है .... 

>>>> यानी निम्नवर्गीय व्यक्ति तो साईकिल चला ही रहा है .... मध्यमवर्गीय के लिए हफ्ते में एक दिन साईकिल चलाना व्यवहारिक ही नहीं है .... और उच्चवर्गीय के लिए ये एक अच्छा आईडिया है .... सॉलिड आईडिया !!!!

अतः मैं आशा करता हूँ कि अगले संडे मैं टीवी पर अमित शाह - गडकरी - स्मृति ईरानी - मिनाक्षी लेखी को साईकिल चलाते देखूँगा .... फिर उसके अगले संडे विदेश यात्रा से लौटने के बाद हो सकता है कि एक स्टेडियम में साईकिल चालन के प्रोग्राम में अम्बानी हेलीकाप्टर से पहुँच और मोदी सरकारी महंगी लम्बी वाली कार से पहुँच साईकिल चालन करते दिखें .... पूरे देश में एक सन्देश जाएगा .... लोग प्रोत्साहित होंगे .... एक उल्लास का वातावरण बनेगा .... एक नई ऊर्जा का संचार होगा ....
और मेरा भरपूर मनोरंजन .... मैं तो अभी से हंस हंस कर स्वास्थ लाभ ले रहा हूँ - केवल उस दृश्य की कल्पना कर - गडकरी और शाह और साईकिल !!!!

इसलिए डंके की चोट पर कहता हूँ कि आईडिया अच्छा है .... आईडिया सॉलिड है क्योंकि प्रधानमंत्री का है .... आईडिया के पीछे जुनून है शायद साईकिल उद्योग को फायदा पहुँचाने का .... और जुनून के पीछे कामयाबी है .... और कामयाबी के पीछे है किस्मत .... बस ऐसी ही बातें कर कर के प्रधानमंत्री बनने की किस्मत !!!!

और हाँ !! एक सॉलिड आईडिया मेरी तरफ से भी - यदि हम ऐसे समग्र विकास की सोचें कि हर व्यक्ति हफ्ते में एक दिन शौक से साईकिल चला सके और हफ्ते में छः दिन मोटरसाइकिल चला सके तो ?? .... शायद ये आईडिया तो और भी सॉलिड है .... या यही आइडिया सॉलिड है ?? .... निर्णय आपको करना है !!!!

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