Monday 6 April 2015

//// 'बाउंसर' !!.... वो डक कर गए .... तुमको भी डक करना था न बेबी ....////


 बड़े चर्चे हैं साहब !! किसके ?? जरा गौर से समझिएगा .... दिल्ली में भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन नंबर १०३१ जारी होने के समारोह में - वीआईपी एंट्री और बाउंसर के ....

वीआईपी एंट्री सही जगह नियत थी एवं व्यवस्थाएं भी अच्छी थीं क्योंकि सभी लोग सुचारू रूप से समारोह स्थल पर पहुँच गए और समारोह भी सफलतापूर्वक संपन्न हो गया .... बिना भगदड़ के !!!! 

अंदर भी व्यवस्थाएं चाक चौबंद दिखीं ....अंदर कुछ बाउंसर भी थे जिन्हे कार्यकर्त्ता कहा जा रहा था .... इनकी तो बल्ले बल्ले हो गई - बढ़िया डोले शोले दिखाते दिन भर टीवी पर छाए रहे .... इनकी तारीफ भी बहुत होती रही - खाते-पीते घर के दिखते थे - काले कपडे में कातिलाना दिख रहे थे - काम भी बखूबी कर रहे थे - जिनको अंदर नहीं जाने को मांगता था भिड़ू - नहीं जाने देते थे - फिर वो पत्रकार ही क्यों न हो !!!!

AK-50 भी फुल फॉर्म में दिखे - वही पुराना अंदाज़ और तेवर .... वाह मज़ा आ गया !!!!
मज़ा इसलिए आया कि अंदर केजरीवाल ने भी कुछ बाउंसर फेंके - अम्बानी एवं टीवी चैनल एवं बिजली कंपनी पर .... जिस पर सब 'डक' कर गए .... बाउंसर इतने तगड़े थे कि डक नहीं करते तो करते भी क्या - बाउंसर मुहं पर पड़ जाए तो हेलमेट सहित अकल का डिब्बा भी ठिकाने लग जाए .... टीवी वाले तो कुछ ज्यादा ही भौंचक थे - गुड पिच बॉल भी बाउंस जो कर गई थी ....  इसलिए इस बाउंसर पर वो भी डक कर गए .... और अभी तक क्रीज़ पर सीधे खड़े नहीं हो पाए हैं !!!!

पर लगता है केजरीवाल के बाउंसर के अलावा जो दूसरे बाउंसर जैसे थे उन को लेकर कई लोग बहुत उत्तेजित हो रहे हैं और ठगे से महसूस कर रहे हैं - व्यथित भी हैं - जैसे उन्होंने किसी को मार कूट दिया हो - और दिन भर टीवी पर विलाप करते रहे .... वो वीआईपी गेट भी ऐसा बताया जाता रहा जैसे कि धरती से स्वर्ग जाने का एकमात्र रास्ता हो ....

और इस पर कुछ 'आप' प्रवक्ता माफ़ी मांगते स्पष्टीकरण देते नज़र आए ....
मेरा 'आप' प्रवक्ताओं को एक सुझाव है .... "डक करना था न बेबी" !!!!
समझ गए ना !!!!

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